खुली मिठाइयां लेने से बच रहे लोग, इसलिए सूखे मेवों की मांग डेढ़ गुना हो गई
त्योहारों पर सूखे मेवे की खपत बढ़ने लगी है। कोरोना महामारी से जूझ रहे लोग खुली मिठाइयों की अपेक्षा सूखे मेवे अधिक ले रहे हैं। नतीजा- आम दिनों में इनकी रोजाना बिक्री 400 क्विंटल होती थी, जो अब बढ़कर 600 क्विंटल पर पहुंच गई है। बाजार में ये मेवे खुले के साथ गिफ्ट पैक दोनों में उपलब्ध हैं। जानकारों के अनुसार खुले में सूखे मेवे सस्ते मिल जाते हैं। लुभावनी पैकिंग में दुकानदार मनमाने दाम वसूलते हैं और वजन भी कम रहता है।
इसलिए लोग खुले में बेहतर क्वालिटी के सूखे मेवे खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। मसलन खुले में जो साबुत काजू 660 रुपए का है। लुभावनी पैकिंग में इसी काजू की कीमत 1000 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाती है। बाजार में खाली गिफ्ट पैक की कीमत 30 रुपए से लेकर 400 रुपए तक है। सूखे मेवे के व्यापारी विवेक जैन लेले का कहना है कि अभी सगाई-समारोह वाले घरों की सूखे मेवों में मांग चल रही है। लोग खुले मेवे भी ले रहे हैं और दीपावली के लिए गिफ्ट पैकिंग के ऑर्डर भी दे रहे हैं। बादाम, किशमिश, अखरोट, छुहारा, मखाना की डिमांड अधिक है।
अधिक मांग में रहने वाली मेवा के भाव
त्योहारों पर सूखे मेवे की खपत बढ़ने लगी है। कोरोना महामारी से जूझ रहे लोग खुली मिठाइयों की अपेक्षा सूखे मेवे अधिक ले रहे हैं। नतीजा- आम दिनों में इनकी रोजाना बिक्री 400 क्विंटल होती थी, जो अब बढ़कर 600 क्विंटल पर पहुंच गई है। बाजार में ये मेवे खुले के साथ गिफ्ट पैक दोनों में उपलब्ध हैं। जानकारों के अनुसार खुले में सूखे मेवे सस्ते मिल जाते हैं। लुभावनी पैकिंग में दुकानदार मनमाने दाम वसूलते हैं और वजन भी कम रहता है।
इसलिए लोग खुले में बेहतर क्वालिटी के सूखे मेवे खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं। मसलन खुले में जो साबुत काजू 660 रुपए का है। लुभावनी पैकिंग में इसी काजू की कीमत 1000 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाती है। बाजार में खाली गिफ्ट पैक की कीमत 30 रुपए से लेकर 400 रुपए तक है। सूखे मेवे के व्यापारी विवेक जैन लेले का कहना है कि अभी सगाई-समारोह वाले घरों की सूखे मेवों में मांग चल रही है। लोग खुले मेवे भी ले रहे हैं और दीपावली के लिए गिफ्ट पैकिंग के ऑर्डर भी दे रहे हैं। बादाम, किशमिश, अखरोट, छुहारा, मखाना की डिमांड अधिक है।
अधिक मांग में रहने वाली मेवा के भाव