फांसी पर झूलते बेटे ने पुकारा ताे मां दाैड़कर पहुंची, पैराें काे पकड़कर सहारा दिया और बचा ली जान
नाै देवियाें की अराधना के उत्सव के बीच एक मां ने देवी बनकर अपने बेटे की जान बचा ली। कहानी पुरानी बीजासेन माता मंदिर के पास रहने वाले 21 वर्षीय सतीश और उसकी मां राेशनी की है। झगड़े के बाद पत्नी के मायके जाने से परेशान सतीश फांसी पर झूल गया।
दम घुटने लगा ताे उसके मुंह से मां की पुकार निकली। यह सुनकर पास के कमरे में माैजूद मां राेशनी दाैड़ी और बेटे के पैराें काे पकड़कर सहारा दिया। बेटे की जान बचाने के लिए राेशनी ने उसी अवस्था में चीख-चीखकर मदद के लिए पड़ाेसियाें काे बुलाया और आखिरकार सभी ने मिलकर सतीश काे फंदे से उतार लिया। अब सतीश की हालत खतरे से बाहर है। उसका जेएएच के न्यूराेलाॅजी में उपचार किया जा रहा है। घटना बुधवार की है।
डाॅक्टर बाेले- पैराें काे सहारा नहीं मिलता ताे नहीं बचती जान
पुरानी छावनी थाना प्रभारी सुधीर सिंह कुशवाह ने बताया कि फांसी के फंदे से सतीश काे उतारने के बाद उसकी मां राेशनी व परिवारवाले उसे इलाज के लिए जेएएच ले गए। यहां डॉक्टर ने बताया कि सतीश के गले में फंदा कसने के बाद तत्काल यदि मां उसके पैरों काे सहारा देकर नहीं उठाती ताे उसकी जान जा सकती थी। ऐन वक्त पर मां के पहुंचने से सतीश की जान बच गई।
नवरात्र में देवी मां ने मेरी पूजा की लाज रखी
नवरात्र में देवी ने मुझ पर कृपा की और मेरी पूजा की लाज रखी जिससे बेटे सतीश की जान बच गई। सतीश की पत्नी उसे बिना बताए घर से चली गई थी और फिर बुलाने पर भी नहीं आई। इसी कारण वह परेशान था। बुधवार को दोपहर में सतीश कमरे में था और मैं दूसरे कमरे में थी, तभी आवाज आई मां... बेटा परेशान था ताे मैं तत्काल उठी और उसके कमरे में पहुंची। वहां सतीश फांसी के फंदे से लटका था।
मैंने उसके पैरों को पकड़कर पूरी ताकत से ऊपर उठा लिया और पड़ोसियों को चीखकर मदद के लिए आवाज दी। न जाने अचानक मुझमें इतनी शक्ति कैसे आ गई। कुछ देर बाद पड़ोसी आ गए और फंदे को काटकर सतीश काे नीचे उतारकर एंबुलेंस को फोन किया और उसे अस्पताल ले गए। अब उसकी हालत ठीक है।
एक दिन पहले ही पत्नी प्रीति घर छोड़कर चली गई थी
सतीश की पत्नी प्रीति एक दिन पहले हुए विवाद के बाद ससुराल छोड़कर मायके चली गई थी। प्रीति ने यह कदम उठाने से पहले सतीश से बात नहीं की थी। इस कारण सतीश ने प्रीति को वापस आने के लिए कहा पर वह नहीं मानी। इसी बात से सतीश परेशान था और उसने आत्महत्या की कोशिश की।
ट्रांसपोर्ट नगर में काम करता है सतीश
सतीश ट्रांसपोर्ट नगर में वाहनों की बॉडी बनाने वाले वर्कशॉप में काम करता है। वह मां राेशनी व छाेटे भाई का इकलौता सहारा है। सतीश के पिता की मौत हो चुकी है। सतीश की पिछले साल ही शादी हुई है।