फर्जी टीआरपी कांड: गवाह तेजल ने रिपब्लिक के झूठ का किया खुलासा

फर्जी टीआरपी केस में गवाह तेजल सोलंकी ने रिपब्लिक टीवी के झूठ का पर्दाफाश किया है. दरअसल, टीआरपी फर्जीवाड़े के एफआईआर में इंडिया टुडे का नाम था, लेकिन मुंबई पुलिस को इंडिया टुडे के बारे में कोई सबूत नहीं मिला है. इस पूरे मामले की गवाह तेजल सोलंकी भी कह रही हैं कि उन्हें इंडिया टुडे की तरफ से कोई पैसा नहीं दिया.

टीआरपी रेटिंग देखने वाली कंपनी BARC की शिकायत में गवाह तेजल सोलंकी ने कहा है कि उसे इंडिया टुडे द्वारा कभी कोई रिश्वत नहीं दी गई थी और तो और इंडिया टुडे चैनल उसके टीवी चैनल पैकेज में सब्सक्राइब भी नहीं है. इंडिया टुडे संवाददाता साहिल जोशी ने तेजल सोलंकी से फोन पर बात की है. ये रही पूरी बातचीत-

साहिल जोशी: तेजलजी मैं इंडिया टुडे से साहिल हूं, मैंने अभी-अभी आपका फोनो सुना है, क्या हमारी तरफ से आपको कभी संपर्क किया गया था.
तेजल: नहीं सर

साहिल जोशी: धैर्य से सोचें, मैंने अभी आपके फोनो को सुना है कि आपके बच्चों से कुछ लोगों द्वारा संपर्क किया गया था.
तेजल: हां, सर मुझे रात 10 बजे के बाद रिपब्लिक द्वारा बार-बार कॉल किया जा रहा था, कृपया इस चैनल को देखें, वे कह रहे थे कि कृपया इस चैनल को देखें, लेकिन यह चैनल हमने सब्सक्राइब नहीं किया है.

साहिल जोशी: तो आपने इंडिया टुडे को सब्सक्राइब नहीं किया है?
तेजल: नहीं, मैंने सब्सक्रिप्शन नहीं ली है.

साहिल: क्या किसी ने आपको या आपके बच्चों को इंडिया टुडे या किसी अन्य चैनल को देखने के लिए कोई पैसा दिया था.
तेजल: नहीं सर, किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं कहा, मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है, अगर आप चाहें तो मैं आपको अभी स्क्रीनशॉट भेज सकती हूं.

साहिल: लेकिन आपका फोनो जिसे मैंने रिपब्लिक पर सुना था, आपने कहा था कि आपके बच्चों को इस चैनल को देखने के लिए कहा गया था.
तेजल: सर वे कह रहे थे कि इस चैनल को अभी देखिए, मैं इसे अभी आपके पास भेज सकती हूं, वे इसे बार-बार कह रहे थे.

साहिल: कौन कह रहा था?
तेजल: रिपब्लिक के लोग, जो मुझे कॉल कर रहे थे.

साहिल: तो किसी ने आपको इंडिया टुडे देखने के लिए नहीं कहा था? आप क्या कहना चाहती हैं.
तेजल: हां

साहिल: तो यह है कि इससे पहले कभी नहीं हुआ है या अब है.
तेजल: ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, कभी नहीं

साहिल: विशाल नाम के इस व्यक्ति ने कभी आपको फोन किया.
तेजल: विशाल वह व्यक्ति है, जो बैरोमीटर वाला व्यक्ति यहां आया था, उसकी कोई कॉल नहीं आई थी.

साहिल: तो वह आपको किसी भी चैनल को देखने के लिए नहीं कहा था.
तेजल: नहीं उसने कभी ऐसी कोई बात नहीं बताई सर.

साहिल: तो आपको रिपब्लिक वालों ने जो बताया, क्योंकि वे आपको कॉल कर रहे थे, वो आपने कह दिया.
तेजल: वे इंडिया टुडे इंडिया टुडे कह रहे थे, मैंने सोचा कि यह एक अंग्रेजी चैनल है, मुझे लगा कि बच्चे इसे देखते होंगे, इसलिए मैंने सिर्फ इतना कहा.

साहिल: लेकिन आपको कभी भी इंडिया टुडे से फोन नहीं गया या इस चैनल को देखने के लिए नहीं कहा गया. आपको कभी भी चैनल देखने के लिए कोई पैसे का ऑफर नहीं किया गया.
तेजल: नहीं नहीं

साहिल: तो यह आपको नहीं बताया गया था
तेजल: सर मेरे पास एयरटेल डिशटीवी है, उस पैकेज में इंडिया टुडे बिल्कुल भी नहीं है.

साहिल: ठीक है
तेजल: इंडिया टुडे का सब्सक्रिप्शन ही नहीं लिया गया है.

साहिल: ओके
तेजल: यदि आप चाहते हैं तो आपको स्क्रीनशॉट आपके व्हाट्स एप नंबर पर भी भेज सकती हूं.

साहिल: कृपया इस नंबर पर स्क्रीनशॉट भेजें जिसे मैंने कहा है
तेजल: ठीक है सर धन्यवाद

क्या है पूरा मामला

दरअसल, मुंबई पुलिस ने कहा है कि टीआरपी से हेराफेरी के जिस रैकेट का गुरुवार को पर्दाफाश हुआ है उसमें उसे इंडिया टुडे के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है. मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ​मिलिंद भरांबे ने कहा है कि एफआईआर में इंडिया टुडे का नाम था, लेकिन न ही आरोपी ने और न ही गवाह ने इस दावे की पुष्टि की.

मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर का बयान इस प्रकार है— 'एफआईआर में इंडिया टुडे के नाम का उल्लेख किया गया था, लेकिन किसी भी आरोपी या गवाह ने इसकी पुष्टि नहीं की. इसके विपरीत आरोपियों और गवाहों ने खासतौर से रिपब्लिक टीवी, फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा का नाम लिया. इस बारे में गहन जांच चल रही है.'