माल्या ने खुद को बताया 'राजनीति का शिकार', कहा- बैंकों का कर्ज निपटाने की हर कोशिश की
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की शिकायत है कि उन्हें बैंक डिफाल्ट का 'पोस्टर बॉय' बना दिया गया, जिससे उन्हें लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है. माल्या ने इसके साथ ही कहा कि उन्होंने बैंक का कर्ज निपटाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन राजनीति से प्रेरित बाहरी लोगों के हस्तक्षेप के कारण ऐसा नहीं कर पाए.
बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार हुए माल्या ने 2 साल बाद इस बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी की है. माल्या ने मंगलवार को कहा, 'बदकिस्मती से वह जिस विवाद में घिरे हुए हैं, उसकी ‘तथ्यात्मक स्थिति’ सामने रखना चाहते हैं.' माल्या ने कहा कि उन्होंने 15 अप्रैल 2016 को अपने पक्ष की जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखा था.
अपने बयान में माल्या ने कहा कि 'उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला.' ट्विटर पर जारी 5 पन्नों के बयान में माल्या ने कहा कि, 'उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.' माल्या ने कहा, 'मुझ पर नेता और मीडिया यर आरोप लग रहे हैं कि किंगफिशर एयरलाइन्स को दिए गए 9,000 करोड़ रुपये चुराकर भाग गया. कर्ज देने वाले कुछ बैंकों ने मुझे जानबूझकर डिफॉल्टर बना दिया.'
माल्या ने कहा, 'मैं सम्मानपूर्वक कहता हूं कि मैंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज अदायगी के लिए हर संभव प्रयास किया और उसे आगे जारी रखा है. अगर राजनीति से प्रेरित बाहरी लोग हस्तक्षेप करते हैं, तो ऐसा कुछ भी नहीं है जो मैं कर सकता हूं.'