यूपीः मंडुवाडीह स्टेशन पर हटाए जाने लगे बनारस के बोर्ड, ये है वजह
वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही थी. बनारस अंकित बोर्ड भी लगाए जा चुके थे. लेकिन अब फिर से बनारस स्टेशन के बोर्ड हटाकर मंडुवाडीह का पुराना बोर्ड लगा दिया गया है. इसके पीछे पीएम मोदी के अक्टूबर माह में संभावित दौरे को वजह बताया जा रहा है.
माना जा रहा है कि पीएम मोदी अपने वाराणसी दौरे के दौरान मंडुवाडीह का नाम बनारस करने की सौगात दे सकते हैं. इसके लिए स्टेशन पर तैयारियां भी तेज हो गई हैं, लेकिन इसका खामियाजा रेल यात्रियों और क्षेत्रीय लोगों को इस भ्रम से उठाना पड़ रहा है कि अभी वर्तमान में इस स्टेशन को पुकारा जाए तो किस नाम से? नाम के फेर में फंसकर यात्रियों को भटकना भी पड़ रहा है.
गौरतलब है कि वाराणसी को काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है. काशी नाम से रेलवे का एक हॉल्ट स्टेशन तो पहले से ही है, लेकिन बनारस नाम से कुछ भी नहीं था. लोगों ने मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने की मुहिम चलाई. गृह मंत्रालय ने 17 अगस्त 2020 को नाम परिवर्तन पर मुहर भी लगा दी.
यूपी सरकार ने 18 सितंबर को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी. अधिसूचना जारी होने के बाद नाम परिवर्तन की कवायद भी तेज हो गई थी. स्टेशन पर मंडुवाडीह की जगह बनारस स्टेशन के बोर्ड भी लगा दिए गए थे, लेकिन पूरी प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया है. कई बोर्ड हटाकर पुराने बोर्ड लगवा दिए गए हैं. कुछ बोर्ड न हटाकर उन्हें ढंका जाने लगा है. चर्चा है कि पीएम मोदी अक्टूबर के महीने में अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आएंगे. माना जा रहा है कि पीएम मोदी अपने दौरे के दौरान वर्चुअल कार्यक्रम में मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस किए जाने से जुड़े बोर्ड का उद्घाटन करेंगे.