नोएडा: घरवाले करते रहे बेटे का इंतजार, पुलिस ने कर दिया अंतिम संस्कार

राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस की लापरवाही से एक परिवार को अपने लड़के का अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ. 20 साल का एक युवा गायब हुआ था. पुलिस को एक संदिग्ध शव मिला और बिना जांच पड़ताल के ही अंतिम संस्कार कर दिया गया.


नोएडा थाना 39 में 20 वर्षीय विशाल यादव बीते 17 अगस्त को गायब हुआ जिसकी रिपोर्ट परिजनों ने 19 अगस्त को दर्ज करवाई थी. घर वालों को उम्मीद थी कि नोएडा पुलिस गुमशुदा विशाल की तलाश करेगी लेकिन उधर 18 अगस्त को थाना बिसरख क्षेत्र के एनएच-24 हाइवे के पास एक संदिग्ध अवस्था में मिले शव को पुलिस ने बिना जांच पड़ताल किए 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार कर दिया.

इसको लेकर पुलिस विभाग में उस समय हड़कंप मच गया जब गुमशुदा के परिजन रविवार को थाना 39 का घेराव करने पंहुचे. पुलिस की ओर से व्हाट्सअप ग्रुप पर एक डेड बॉडी की फोटो दिखाने पर परिजनों ने विशाल यादव को पहचाना.

परिजनों के आरोप

रविवार की दोपहर करीब 1 बजे दर्जनों लोग थाना 39 पर पंहुचे और थाने का घेराव किया. परिजनों का आरोप था कि उनके 20 वर्षीय बेटे विशाल यादव जोकि सेक्टर 45 सदरपुर में जेसीबी चलाता था, बीते 17 अगस्त से लापता हुआ. जब पुलिस ने अपने व्हाट्सअप ग्रुप पर एक डेडबॉडी की फोटो दिखाई तो घरवालों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई क्योंकि फोटो में विशाल यादव था. नोएडा पुलिस की बड़ी लापरवाही उस वक्त सामने आई जब परिजनों को ये पता चला कि बिना जांच किए विशाल यादव का अंतिम संस्कार भी पुलिस ने कर दिया है.

क्या है घटना

17 अगस्त को करीब 11 बजे विशाल यादव जेसीबी चलाने नोएडा सेक्टर 45 के लिए अपने घर से निकला था. कुछ देर बाद ही विशाल की कॉल आई कि उसका झगड़ा हो गया है. विशाल के पापा ने पूछा तो उसने कहा कि घर आकर बताता हूं. विशाल ने रात 9.30 बजे घर पर फिर फोन किया और कहा कि वह सेक्टर 76 में जेसीबी मालिक गिरीश के घर पर है और आज नहीं आएगा, कल अपनी तनख्वाह लेकर ही घर आएगा. ये सुनकर घरवाले बेफिक्र हो गए क्योंकि उन्हें लगा कि विशाल अपने मालिक के साथ है. 18 अगस्त को करीब 12 बजे तक जब विशाल घर नहीं पंहुचा तो घरवालों को चिंता हुई. फोन करने पर उसका मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा था. घरवालों ने इधर उधर उसकी तलाशी की लेकिन विशाल का कोई सुराग नहीं मिला. घरवालों ने थाने में जाकर गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा दी.

जेसीबी के मालिक का नाम गिरीश है और घरवालों को मालिक पर शक है क्योंकि विशाल और मालिक की लड़ाई हुई थी. घरवालों का कहना है कि एफआईआर भी दर्ज कराई थी.

विशाल के घरवालों ने थाने पहुंच कर कार्रवाई की मांग की लेकिन पुलिस ने उल्टा बुरा-भला बोलकर उन्हें भगा दिया. परिजनों का आरोप है कि विशाल के पापा को थाने में गालियां दी गईं और बोला गया कि कैसा बेटा पैदा किया को नशा करता है, लड़कीबाजी करता है, शर्म आनी चाहिए तुम को. विशाल यादव के भाई ने बताया कि दरोगा पवन कुमार ने बोला कि अगर सीनियर अधिकारियों के पास से दवाब बनाओगे तो कोई करवाई नहीं होगी.

रविवार को 20 दिन बीत जाने के बाद भी जब कोई करवाई नहीं की गई तो गुस्साए परिजनों ने थाना 39 का घेराव किया. बाद में पुलिस ने व्हाट्सअप ग्रुप पर एक डेड बॉडी की फोटो परिजनों को दिखाई जो थाना बिसरख पुलिस को सूचना के आधार पर बीते 18 अगस्त को एनएच-24 के पास झाड़ियों में मिली थी. जनपद के सभी थानों में जांच और पता लगाने की बजाय शव का पहले पोस्टमार्टम कराया और फिर उसका 72 घंटों के बाद अंतिम संस्कार कर दिया.