लखनऊ डबल मर्डरः रेलवे अधिकारी की बेटी के कमरे से मिलीं ये चीजें, पलट जाएगा मामला?

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रेलवे अधिकारी के घर हुए सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड में हर दिन नए मोड़ आ रहे हैं. डबल मर्डर की आरोपी बेटी की मनोस्थिति के बारे रोज नई बातें सामने आ रही हैं. जानकारी के मुताबिक रेलवे अधिकारी आरडी वाजपेयी की आरोपी बेटी हैलुसिनेशन से पीड़ित थी. इस बीमारी में पीड़ित को अचानक से अजीब अनुभव होते हैं. जो नहीं होता, वो भी दिखता है. कई बार भूत-प्रेत भी दिखते हैं. कई बार किसी के दरवाज़ा खोलने, पैरों की आवाज का भ्रम भी होता है.

पीड़ित को कोई अदृश्य आवाज कुछ करने का आदेश भी देती है. कई बार ये आदेश खुद को या किसी और को नुकसान पहुंचाने के लिए भी होते हैं. चिकित्सकों के मुताबिक कई बार ये बीमारी अफीम, चरस, कोकीन जैसे ड्रग्स लेने से भी हो जाती है. किसी-किसी को ये बीमारी जन्मजात होती है. किसी को किसी बड़े सदमे की वजह से भी ये बीमारी हो जाती है.

हत्यारोपी नाबालिग लड़की के कमरे से कई हैरान कर देनेवाली चीजें मिली हैं, जिससे पता चलता है कि लड़की काफी ज्यादा अवसाद में थी. घर मे कई जगह रोते- हंसते इमोजी बने हुए हैं, तो लड़की की मेज पर एक इंसानी खोपड़ी के कंकाल की भी फोटो लगी मिली है. जानकारी ये भी मिली है कि वो लड़की खुद से ही बातें करती थी. उसको भूत-प्रेत के होने का भी भ्रम था. उसके बाथरूम के शीशे पर पहले ही लिखा मिला था ‘Disqualified Human’. लड़की से पूछताछ में पता चला है कि एक जापानी उपन्यास में उसने ये लाइन पढ़ी थी और उसी से प्रभावित होकर उसने ये शीशे पर लिखा था.

शास्त्रीय संगीत और नृत्य में है रुचि

पुलिस के मुताबिक 14 साल की नाबालिग लडकी ने अपनी मां और भाई पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उन्हें मार डाला हो, लेकिन इस लड़की के अंदर कई खूबियां भी हैं. नेशनल सेंटर की शूटर लड़की की शास्त्रीय संगीत और नृत्य में भी रुचि थी. जानकारी के मुताबिक ये कथक डांसर होने के साथ-साथ पांच संगीत यंत्र बजाना भी जानती है. आरोपी लड़की को जापानी और फ्रेंच भाषा का भी अच्छा ज्ञान है.

परिजनों को सौंपने पर हो रहा विचार

हत्या की बात कबूल करने के बाद लड़की की काउंसिलिंग कराई गई. उसका मनोचिकित्सकों की निगरानी में उपचार होगा, साथ ही उसे बाल गृह में रखा जाए, किसी अस्पताल में, इसपर भी विचार चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस आरोपी लड़की को परिजनों की निगरानी में सौंपने पर भी विचार कर रही है. ऐसा इसलिए, क्योंकि लड़की की मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है और पिता ने भी उसके खिलाफ शिकायत नहीं दी है. ऐसे मे पुलिस के लिए भी जरूरी है कि सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर आगे बढ़े ताकि ये भी साफ हो सके कि क्या वाकई लड़की ने ही हत्या की है? क्या उसके साथ कोई और भी शामिल था? क्या उसके हाथों हुए कत्ल में अवसाद ही सबसे बड़ी वजह है? अगर यह प्रमाणित हो गया कि ये घटना पूरी तरह से एक नाबालिग लडकी के हाथों अवसाद में हुई घटना है, तो पूरा मामला ही पलट सकता है.