दादा के घर कनवर की वापसी

अपने दादा के घर कनवर की वापसी हो गई है। कनवर अब दादा के यहां तल्लीनता से अपने काम में लग गये है। दादा के नवरत्नों में से एक रहे कनवर बीच में कुछ समय छिटक गये थे, लेकिन दादा का प्रेम उन्हें फिर दादा के यहां ले आया हैकनवर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष भी है, लेकिन शांत और हंसमुख स्वभाव के कनवर दादा का मोह छोड़ नहीं पाये थे। कनवर दादा के सांसद चुनाव से नवरत्नों में गिने जाते रहे हैं। उनके आने से दादा को भी एक विश्वनीय सहयोगी फिर मिल गया है। वैसे यहां हम दादा की खासियत बता दें कि दादा ऐसे सहज सरल नेता है, जो सबको सम्मान देकर चलते हैं और सभी की मदद भी भरपूर करते हैं |