बिहार: डॉक्टर की वजह से आफत में फंसी मरीज की जान

डॉक्टर को लेकर लोगों के मन में हमेशा से एक राय रही है कि वो धरती के 'भगवान' हैं. जाहिर है डॉक्टर्स विज्ञान के दम पर कई मरीजों की जान बचाते हैं इसलिए श्रद्धापूर्वक यह दर्जा दे दिया गया है. लेकिन अगर उनकी लापरवाही की वजह से किसी मरीज की जान पर आ जाए तो लोगों में उनके प्रति आक्रोश पैदा होना लाजिमी है. गया जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मरीज की हालत नाजुक बनी हुई है.

खिजरसराय प्रखंड की रहने वाली 21 वर्षीया मीरा देवी का शहर के प्रोफेसर कॉलोनी में एक निजी क्लिनिक में ऑपरेशन किया गया. यहां उसके पेट से ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल करने वाला तौलिया (टेट्रा) निकला. जिसे देख डॉक्टर के साथ परिजन भी हैरान हैं.

महिला के परिजन मोहन कुमार ने मीडिया को बताया कि बबलू कुमार जो उसके रिश्ते में भाई लगता है, उसकी पत्नी का पहला प्रसव होना था. इसके लिए वह गया शहर के आनंदी माई मोड़ के पास एक निजी क्लिनिक में पत्नी को भर्ती कराया था. जहां 29 जुलाई को चिकित्सक ने ऑपरेशन किया था, लेकिन ऑपरेशन के बाद से लगातार पेट में दर्द रहता था.

परिजनों ने आरोप लगता हुए कहा कि ऑपरेशन की जगह से पस निकलता रहता था. इस वजह से मरीज को लेकर वो पटना तक गए, लेकिन तकलीफ ठीक होने के बजाय बढ़ती ही चली गई. अंत में किसी की सलाह पर गया शहर के एपी कॉलोनी स्थित एक निजी नर्सिंग होम में मरीज को इलाज कराने ले गए. जहां डॉक्टर ने सिटी स्कैन कराने को कहा. इसमें एक स्थान पर पस होने की बात सामने आई. हलांकि जब डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन किया गया तो पस की जगह तौलिया (टेट्रा) मिला, जो डॉक्टर ऑपरेशन के समय इस्तेमाल करते हैं. इसे देख कर डॉक्टर और मरीज के परिजन दोनों आश्चर्य में पड़ गए हैं. चिकित्सकों की मानें तो मरीज की हालत नाजुक है और उसे ब्लड की आवश्यकता है.

मरीज के परिजन डॉक्टरों की लापरवाही से काफी गुस्से में हैं. क्योंकि उनके द्वारा ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में तौलिया छोड़ दिया गया था. परिजन उनकी लापरवाही को लेकर अब कानूनी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.