सुशांत सिंह राजपूत के 7 सबसे बड़े राजदार, जिनके सीने में दफन हैं कई अनसुने राज
सुशांत सिंह राजपूत ने खुदकुशी की या फिर उन्हें मरने पर मजबूर किया गया. वो मिस्ट्री जो पिछले 50 दिनों से बनी है. अगर कोई इस राज़ से पर्दा हटा सकता है, तो वो सुशांत के वही राज़दार हैं, जो उनके जीते-जी उनके सबसे क़रीब रहे और जो उनके मरने के बाद उनके पास सबसे पहले मौजूद रहे. तो आज वारदात में बात सुशांत सिंह राजपूत के इन्हीं सात सबसे बड़े राज़दार और उनके सीने में दफ़्न सुशांत की ज़िंदगी और मौत के अनसुने राज़ की.
कहते हैं ज़िंदा इंसान तो झूठ बोल सकता है. मगर मरने वाले कभी झूठ नहीं बोलते. सुशांत सिंह राजपूत इस दुनिया से चले गए. मगर उनके जाने के बाद उनके इर्द-गिर्द रहने वाले उनके दोस्त, उनके अपने, उनके रिश्तेदार और उनके राज़दार अब हर किसी के पास सुशांत को लेकर अलग-अलग कहानिंयां है. अलग-अलग बातें हैं.
ये वो राज़दार हैं जो सुशांत के जीते-जी तो कभी एक दूसरे के आड़े नहीं आए, मगर सुशांत के जाने के बाद उनकी मौत को लेकर इन राज़दारों के बीच भी अब एक राय नहीं है. गरज़ ये कई राज़दार तो ऐसे हैं, जो किसी दूसरे राज़दार को ही सुशांत की मौत का बड़ा ज़िम्मेदार मानते हैं. तो आज वारदात में होगा खुलासा सुशांत की मौत की हर राज़ का, सुशांत के सात सबसे बड़े राज़दारों की ज़ुबानी.
राज़दार नंबर 1- सिद्धार्थ पिठानी, सुशांत के दोस्त
राज़दार नंबर 2- रिया चक्रवर्ती, सुशांत की गर्लफ्रेंड
राज़दार नंबर 3- अंकिता लोखंडे, सुशांत की पूर्व गर्लफ्रेंड
राज़दार नंबर 4- मीतू, सुशांत की बहन
राज़दार नंबर 5- नीरज सिंह, सुशांत के रसोइये
राज़दार नंबर 6- केशव बचनेर, सुशांत के रसोइये
राज़दार नंबर 7- दीपेश सांवत, सुशांत के हाउसकीपर
वैसे तो हर किसी की ज़िंदगी में कुछ लोग बेहद क़रीब और कुछ दूर होते हैं... लेकिन ये भी सच है कि जो बेहद क़रीब होते हैं उन्हें उस इंसान के बारे में सबसे ज़्यादा खबर भी होती है... सुशांत के ऐसे ही क़रीबी लोगों में एक थे सुशांत के दोस्त और उनके साथ रहनेवाले सिद्धार्थ पिठानी... और तो और पिठानी ही वो शख्स था, जिसकी सुशांत के साथ-साथ उसकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती से भी बात होती थी... यहां तक कि रिया जब सुशांत से रूठ कर गई, तो फिर आखिरी बार सिद्धार्थ से ही मिल कर गई.
सुशांत का इलाज चल रहा था. वो मनोवैज्ञानिकों की सलाह पर डिप्रेशन से बाहर आने की दवा ले रहे थे. वो घंटों सोते रहते थे. ये सारे राज़ उन्हें करीब से जानने वाले हर किसी को पहले ही पता थे. लेकिन सुशांत किसी रोज़ अपने हाथों से यूं अपनी ज़िंदगी ख़त्म कर सकते हैं या फिर उनकी ऐसी रहस्यमयी हालत में मौत हो सकती है. गैरों की बात छोड़िए. खुद सुशांत को बेहद क़रीब से जानने वाले लोगों ने भी कभी ये नहीं सोचा था.
14 जून की सुबह जो कुछ हुआ, उसने सुशांत को करीब से जानने वाले लोगों के साथ-साथ उनके करोड़ों फ़ैंस को भी असमंजस की ऐसी अंधेरी सुरंग में झोंक दिया हैं, जिससे बाहर आना अब एक चुनौती सी बन गई है. लेकिन मामला तब और उलझ जाता है, जब सुशांत को क़रीबी और उनके राज़दार ही उनकी मौत को लेकर अलग-अलग बातें करते हैं. एक-दूसरे को कटघरे में खड़ा करते हैं. ऐसे में सच क्या है और क्या झूठ, ये जानने के लिए इन राज़दारों को टटोलना बेहद ज़रूरी है. तो आइए, इस सिलसिले की शुरुआत करते हैं सुशांत के सबसे बड़े राज़दारों में से एक यानी सुशांत के दोस्त और उनके साथ रहने वाले सिद्धार्थ पिठानी से.
सुशांत के घर में काम करने वाले उनके दो रसोइयों को अलग कर दें, तो सिद्धार्थ ही वो शख्स हैं, जिनके साथ सुशांत की आख़िरी बार आमने-सामने बातचीत हुई थी. और ये बातचीत उनकी मौत से कोई बहुत पहले नहीं, बल्कि बमुश्किल दस से ग्यारह घंटे पहले 13 और 14 जून की दरम्यानी रात करीब एक बजे हुई. सिद्धार्थ की मानें तो तब भी उन्हें एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि सुशांत अगले रोज़ कुछ ऐसा कर सकते हैं या फिर सुबह उनकी जान भी जा सकती है.
14 जून की सुबह की कहानी तो ख़ैर हर किसी को पता है, लेकिन सुशांत और उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के रिश्तों का अगर कोई राज़दार है, तो वो भी यही सिद्धार्थ पिठानी ही हैं क्योंकि सिद्धार्थ ना सिर्फ़ सुशांत के साथ बांद्रा के मॉन्ट ब्लैंक अपार्टमेंट में रहते थे, बल्कि वहां आने-जाने के दौरान अक्सर रिया से उनकी बातचीत भी हुआ करती थी.
सुशांत की मौत के फौरन बाद सिद्धार्थ की मुलाक़ात सुशांत के घरवालों से भी हुई थी. इस मुलाक़ात में सिद्धार्थ को सुशांत के घरवालों का रवैया भी सामान्य लगा. लेकिन बाद में सिद्धार्थ ने ये कह कर मामले को एक नया मोड़ दे दिया कि सुशांत के घरवाले उन्हें फ़ोन कर रिया के अकाउंट में सुशांत के अकाउंट से 15 करोड़ रुपये ट्रांसफ़र किए जाने का बयान देने की बात कह रहे थे, जबकि इसके बारे में उसे कोई जानकारी ही नहीं है.
ज़ाहिर है सिद्धार्थ के बयान से अगर किसी को फ़ायदा होने की उम्मीद है, तो वो सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ही है, जिसे सुशांत के घरवाले अपने बेटे की मौत का ज़िम्मेदार मानते हैं. लेकिन सुशांत की ये दूसरी सबसे बड़ी राज़दार और उसकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती का खुद इस हालत पर क्या कहना है, ज़रा वो भी जान लीजिए. वो कहती है कि ऐसा कुछ भी नहीं है.
सुशांत के घरवालों के इस इल्ज़ाम को कि रिया ने सुशांत के करीब 15 करोड़ रुपये हथिया लिए, सुशांत के सीए ने ये कह कर झुठला दिया था कि सुशांत के एकाउंट में कभी 15 करोड़ रुपये थे ही नहीं. ज़ाहिर है, सुशांत के राज़दारों के सीने में अभी कई ऐसे राज़ दफ्न हैं, जिनका खुलासा होना अभी बाकी है. लेकिन इन सभी राज़दारों में अगर कोई राज़दार ऐसा है, जिसने सुशांत के साथ सबसे लंबा वक्त गुज़ारा है, तो हैं सुशांत की एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे.
घरवालों के बाद इस दुनिया में अगर कोई ऐसा है, जो सुशांत को सबसे अच्छे से जानता है, तो वो कोई और नहीं बल्कि उनकी एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे है. जी हां, वही अंकिता लोखंडे जो सुशांत के संघर्ष के दिनों से लेकर उनकी कामयाबी भी सीढ़ियां चढ़ने तक उनके साथ साये की तरह रहीं. लेकिन इत्तेफ़ाक देखिए कि जब सुशांत इस दुनिया से दूर चले गए, अंकिता उससे पहले ही उनसे दूर हो गई थी. सुशांत की ज़िंदगी और मौत को लेकर कई राज़ ऐसे हैं, जो सिर्फ़ और सिर्फ़ अंकिता ही जानती हैं.
सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे दोनों ने एकता कपूर के सीरियल पवित्र रिश्ता से अपने करियर की शुरुआत की थी. दोनों एक दूसरे अपोज़िट इस सीरियल के लीड रोल में थे और यहीं से एक दूसरे के इतने क़रीब आ गए कि मुंबई में साथ-साथ लिव इन में रहने लगे. बताते हैं कि अंकिता लोखंडे और सुशांत सिंह राजपूत करीब छह सालों तक एक-दूसरे के साथ रहे. लेकिन फिर फिल्मों में अपनी किस्मत आज़माने के लिए सुशांत ने सीरियल छोड़ दिया और आगे चल कर दोनों एक दूसरे से भी अलग हो गए. लेकिन टीवी के पर्दे से लेकर हक़ीक़त की ज़िंदगी तक दोनों का रिश्ता कुछ ऐसा था कि सुशांत की मौत के बाद अगर लोगों ने सबसे ज़्यादा किसी को याद किया, तो वो थी उनकी पूर्व गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे.
आख़िरकार सुशांत की मौत को लेकर अंकिता लोखंडे भी सामने आई और उन्होंने सुशांत के डिप्रेशन में होने की हर उस थ्योरी को हवा में उड़ा दिया, जिसमें उन्हें ज़ेहनी तौर पर बहुत बीमार बताया जा रहा था. अंकिता ने कहा कि सुशांत एक ज़िंदादिल और खुशमिज़ाज इंसान थे, जो दिनों की नहीं बल्कि सालों की प्लानिंग कर के चलते थे. ऐसे किसी इंसान के डिप्रेशन में होने की बात समझ से परे है. अंकिता ने सीधे तौर पर तो सुशांत की गर्लफ्रेंड रही रिया पर कोई इल्ज़ाम नहीं लगाया, लेकिन इतना ज़रूर कहा कि सुशांत इन दिनों अपने परिवार से भी अलग-थलग हो गए थे. अंकिता ने कहा कि एक बार सुशांत के पापा ने उन्हें फोन करके सुशांत से अपनी बात करा देने को कहा था, क्योंकि उनके पास सुशांत का नया नम्बर ही नहीं था. इसी तरह सुशांत की बहन श्वेता ने भी उन्हें बताया था कि सुशांत से उनकी एक साल बाद बात हुई.
यहां ये बताना ख़ास है कि सुशांत के घरवालों ने रिया के खिलाफ़ जो एफआईआर लिखवाई है, उसमें उन्होंने रिया पर सुशांत को घरवालों से अलग-थलग कर देने का भी इल्ज़ाम लगाया है और ये भी कहा है कि अगर सुशांत वाकई डिप्रेशन में थे और रिया उनका इलाज करा रही थी, तो उन्होंने सुशांत के घरवालों से इसकी इजाज़त लेनी चाहिए थी. ज़ाहिर है सुशांत को लेकर उनकी दोनों गर्लफ्रेंड रहीं अंकिता और रिया अलग-अलग खड़ी नज़र आती हैं.
कहते हैं इस दुनिया में भाई बहन का रिश्ता ही एक ऐसा नायाब रिश्ता होता है, जिसकी तुलना किसी और रिश्ते से नहीं की जा सकती. चार बहनों के इकलौते भाई सुशांत के साथ उनकी बहन मीतू का रिश्ता भी कुछ ऐसा ही था. सुशांत परेशान थे, तो मीतू सुशांत से मिलने चली आई थी और सितम देखिए कि मीतू के जाने के महज़ दो ही दिन बाद सुशांत ने दुनिया छोड़ दी. अब बात मीतू और सुशांत के उन तीन कर्मचारियों की, जिन्होंने सुशांत को पहली बार मुर्दा देखा.
मुंबई में रहने वाली मीतू पूरे परिवार में सुशांत के सबसे क़रीब थी. चार बहनों में सबसे छोटी और सुशांत से बड़ी मीतू, रिया चक्रवर्ती के सुशांत के घर से जाने के बाद अक्सर ना सिर्फ़ सुशांत से बातें किया करती थीं, बल्कि इस वारदात से पहले जब सुशांत ज़्यादा ही परेशान थे, तो मीतू उनके साथ रहने उनके घर भी आईं थीं. मीतू ने उन्हें अपने स्तर पर समझाने-बुझाने की भी काफ़ी कोशिश की थी. लेकिन वो 12 जून को सुशांत के घर से लौटी और 14 जून को सुशांत की मौत हो गई. सुशांत के दरवाज़ा ना खोलने पर उसके दोस्त और कर्मचारियों ने भी सबसे पहले मीतू को ही उनके घर बुलाया था.
मौत से पहले और मौत के बाद जो लोग सुशांत सिंह राजपूत के घर में मौजूद थे, उनमें एक चेहरा नीरज सिंह का भी है. नीरज सिंह सुशांत का रसोइया था और 11 मई 2019 से उनके साथ रह रहा था. ऐसे में उसे सुशांत के बारे में कई बातें पता थीं.
इस लिहाज़ से देखा जाए तो केशव भी सुशांत के राज़दारों में से एक था, क्योंकि वो भी एक कुक के तौर पर करीब डेढ़ दो सालों से सुशांत के घर पर काम कर रहा था और जब सुशांत की जान गई, वो घर में ही मौजूद था.
सुशांत का हाउसकीपर दीपेश उन चार लोगों में से एक है, जो ना सिर्फ़ सुशांत के साथ रहता था, बल्कि उनकी मौत के वक्त सुशांत के घर में ही था. दीपेश ने ही कमरे का ताला ना खुलने पर चाबीवाले को बुलाया था. ऐसे में ये हर राज़दार सुशांत की ज़िंदगी और मौत को लेकर जो कुछ जानते हैं, उसका निचोड़ सुशांत की मौत के रहस्य को सुलझा सकता है.