भारत-चीन सेनाओं में LAC से पीछे हटने पर बनी सहमति, कोर कमांडर की बैठक में फैसला
भारत और चीन के बीच कल लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर 11 घंटे हुई बातचीत पर आजतक को बड़ी जानकारी मिली है. सूत्रों से खबर है कि बैठक में भारत की ओर से चीन को साफ कह दिया गया है कि हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नई रणनीति के तहत इससे निपटा जाएगा, जिसमें गोली चलाना भी शामिल है.
- कल हुई थी कोर कमांडर स्तर की वार्ता
- भारत ने चीन को दिए थे कड़े संदेश
इसके अलावा बैठक में चीन को ये कहा गया कि वो 5 मई से पहले की स्थिति को बहाल करे. भारत अपनी जमीन पर एलएसी के नजदीक सड़कों का निर्माण भी जारी रखेगा. ये भी चीन को सख्त संदेश दिया गया है. चीन को समझाया गया कि शांति दोनों तरफ से होनी चाहिए. दोनों तरफ से शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई गई.
सूत्रों के मुताबिक, मोल्डो में कल दोनों देश के सैन्य कमांडरों के बीच हुई 11 घंटे की बातचीत में तनाव कम करने पर सहमति बनी, लेकिन तनाव घटाने के लिए दोनों देश की सेना मौजूदा स्थिति से कैसे पीछे हटे, इसका रास्ता निकाला जाएगा. एलएसी से तोपखाना और सैनिक साजो सामान को भी पीछे हटाने पर सहमति बनी है.
सूत्रों का कहना है कि बातचीत बेहद सकारात्मक और अच्छे माहौल में हुई. चीन ने बातचीत के जरिये विवाद सुलझाने पर सहमित जाहिर की है. हालांकि अभी ये कहना जल्दबाजी होगा कि चीन के तेवर बदले हैं या उसकी कोई चाल है. क्योंकि छह जून को भी चीन इन बिन्दुओं पर राजी हुआ था लेकिन फिर गलवान में जो हुआ उसे सबने देखा.
इस बीच आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे आज दो दिन लेह दौरे पर पहुंच रहे हैं. वहां वो एलएसी के मौजूदा हालात का जायजा लेंगे. इसके साथ ही खूनी झड़प में घायल सैनिकों से मुलाकात कर सकते हैं. उधर, चीन की अंतरराष्ट्रीय घेराबंदी के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को में रूसी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.