प्रदेश में सामाजिक समरसता कायम रखें : जय सिंह
ग्वालियर। मध्यप्रदेश शान्ति का टापू माना जाता है, यहां कभी न साम्प्रदायिक दंगे हुए न जातिवादी संघर्ष, लेकिन 2 अप्रैल को जो घटित हुआ वह एक षड़यंत्र था। हिन्दूओं को बांटने का यह गंभीर विषय है। इस पर सरकार को नये सिरे से विचार करना चाहिए।
सरकार एक वर्ग विशेष को तो सब कुछ दे रही है दूसरी ओर सामान्य पिछड़े व अल्पसंख्यकों की ओर उसका ध्यान नहीं जा रहा है, गरीबी हर वर्ग में है। केवल निर्धन आयोग बनाने भर से काम नहीं चलेगा उसे और मजबूत करके उसकी आर्थिक क्षमता बढ़ानी होगी क्योंकि आर्थिक आधार पर जो गरीब अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं न ही उनके पास घर है न गुजारे लायक खेती या रोजगार। यह भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
उक्त विचार साडा के पूर्व अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर साझा किया है। हम समरसता के नाम पर बहुत बड़े वर्ग की अनदेखी कर रहे हैं इससे उल्टी विषमता आ रही है व आक्रोश पनप रहा है। जिसके परिणाम विस्फोटक भी हो सकते हैं, इसलिए समय रहते इस पर चिन्तन करें व सर्व समाज की चिन्ता करनी चाहिए, ताकि मप्र फिर से अपनी शान्ती व भाईचारे की मिसाल कायम रख सके।