RSS से जुड़ी संस्था ने जब 74 हजार महिलाओं का 2-2 घंटे लिया इंटरव्यू, जानें सर्वे की अहम बातें
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रेरित संस्था ने देश की महिलाओं की स्थिति को जानने के लिए सबसे बड़ा सर्वे कराया है. यह सर्वे 1081 टीमों में बंटकर देश भर में निकलीं महिलाओं ने किया है. देश के 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों के 485 जिलों की महिलाओं 74 हजार से अधिक महिलाओं से बातें कर यह सर्वे तैयार किया गया. टीमें नक्सली एरिया की आदिवासी महिलाओं तक भी पहुंचीं. आदिवासी महिलाओं को बातचीत के लिए राजी करने में टीम को काफी पापड़ बेलने पड़े. कई-कई बार संपर्क करने के बाद महिलाओं ने सर्वे के लिए तैयार प्रश्नों का जवाब दिया.
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे 106 में से 70 जिलों की महिलाओं को भी सर्वे में शामिल किया गया. इस सर्वे में 21.96 प्रतिशत अविवाहित लड़कियां रहीं और शेष विवाहित महिलाएं रहीं. सर्वे की परियोजना निदेशक मनीषा कोटेकर ने दावा किया कि अपनी तरह का यह पहला बड़ा सर्वे है. उन्होंने बताया कि महिलाओं की स्थिति जानने के लिए इस सर्वे के लिए ऐसी प्रश्नावली तैयार की गई थी, जिसका जवाब पाने के लिए इंटरव्यू लेने और देने वाले को कम से कम दो घंटे लगते थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सर्वे में संसद की स्टैंडिंग कमेटियों में महिला चेयरमैन के न होने के सवाल पर कहा कि मैं यह नहीं कहती कि काबिल महिलाएं नहीं हैं. मगर महिलाओं को रेस्ट जोन से बाहर निकलकर खुद आगे आना होगा. आरक्षण की बात ठीक है, मगर अवसरों का लाभ आगे बढ़कर उठाना होगा. महिलाओं को टोकन पार्टिसिपेशन नहीं चाहिए.
सर्वे में ये तथ्य सामने आए
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने दृष्टि अध्ययन केंद्र की ओर से तैयार सर्वे की रिपोर्ट जारी की. उन्होंने कहा कि दृष्टि का सर्वे बेहद महत्त्वपूर्ण है, इस सर्वे के लिए समस्त चीजें खुद से तैयार की गईं. इससे जुड़ी बहनों द्वारा किया गया कार्य आपने आप में बेहद महत्त्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि महिलाओं का विकास का रास्ता पुरुष नहीं तय कर सकते. सर्वे में कई अहम बातें सामने आईं.