जाकिर नाइक की बढ़ी मुश्किल, अब कानूनी दांव-पेच पर उतरा, कई नेताओं को भेजा नोटिस
विवादास्पद इस्लामिक धर्मप्रचारक डॉ जाकिर नाइक मलेशिया में दिक्कतें बढ़ने के बाद अब कानूनी दांव पेच की आड़ ले रहा है. बता दें कि मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद तीन दिन पहले ये बयान दे चुके हैं कि अगर यह साबित हो गया कि नाइक की गतिविधियां मलेशिया के लिए नुकसानदेह हैं तो उसका स्थायी निवासी (परमानेंट रेज़िडेंट) दर्जा वापस लिया जा सकता है. मलेशियाई पुलिस नाइक के मलेशिया के अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए बयान की जांच कर रही है.
स्थानीय अखबार ‘मलय मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक नाइक ने एक लॉ फर्म के जरिए पेनांग के उपमुख्यमंत्री (2) पी रामासामी, बगान डलाम असेंबली के सदस्य सतीस मुनिआंदी, पूर्व राजदूत दातुक डेनिस इगनेटियस और कलांग के सांसद चार्ल्स सेंटियागो के खिलाफ सोमवार को नोटिस भेजा. इस नोटिस में कहा गया है कि ये चारों लोग समुचित मुआवजे के साथ माफ़ी मांगे अन्यथा दो दिन में अवमानना का केस झेलने के लिए तैयार रहें.
ये नोटिस लॉ फर्म अकबेरदीन एंड़ कंपनी की ओर से भेजे गए हैं. इससे पहले नाइक ने मानव संसाधन मंत्री एम कुलासेगरन और अन्य चार के ख़िलाफ़ भी बीते शुक्रवार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. नाइक ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि इन पांचों ने उसके 8 अगस्त को दिए बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया.
नाइक ने रामासामी, मुनिआंदी, इगनेटियस और सेंटियागो को लॉ कंपनी के जरिए नोटिस भेजे हैं उसमें उनके कुछ लेखों और प्रेस रिलीज का हवाला दिया गया है. नाइक के मुताबिक इऩ लेखों और प्रेस रिलीज से उसकी अवमानना हुई है.
इससे पहले पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में नाइक ने दावा किया था कि उसने तो मलेशिया की इस बात के लिए तारीफ की थी कि वो किस तरह ‘हिन्दू अल्पसंख्यकों’ के साथ व्यवहार करता है और उनके अधिकारों की रक्षा करता है.
मलेशिया में नाइक की जमकर आलोचना हो रही है. मलेशिया के अल्पसंख्यकों के लिए दिए उसके कथित बयान के बाद देश भर में उसके ख़िलाफ़ 115 पुलिस रिपोर्ट दर्ज हो चुकी हैं.
पहले भी नाइक के कथित तौर पर दिए एक बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था. आरोप है कि नाइक ने कहा था कि मलेशिया में रहने वाला भारतीय समुदाय मलेशियाई प्रधानमंत्री डॉ महातिर मोहम्मद की जगह भारत के पीएम नरेंद्र मोदी का अधिक समर्थक है.