कश्मीर घाटी के बाद अब जम्मू के नेताओं पर एक्शन, पूर्व मंत्री लाल सिंह नजरबंद

स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को नजरबंद किया है. लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया है. चौधरी लाल सिंह को जम्मू के गांधीनगर में उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं है.

अनुच्छेद 370 पर नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है. स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को नजरबंद किया है. लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया है. चौधरी लाल सिंह को जम्मू के गांधीनगर में उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं है.

जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले घाटी के नेताओं को नजरबंद किया गया था. इसमें महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत अन्य नेताओं का नाम शामिल है. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर घाटी में लोगों को कैद किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि उमर अब्दुल्ला जेल में हैं. उन्होंने कहा था कि हम ग्रेनेड या पत्थर फेंकने वाले नहीं हैं. मेरा भारत सभी के लिए लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष है. हम बदलाव के लिए शांतिपूर्ण संकल्प में विश्वास रखते हैं.

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले रविवार रात में डर जाहिर किया था कि उन्हें मुख्यधारा के अन्य नेताओं के साथ नजरबंद किया जाने वाला है, वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस कदम को अजीब बताया था.

लोकसभा में कुछ सदस्यों द्वारा फारूक अब्दुल्ला की अनुपस्थिति और उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताए जाने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि फारूक अब्दुल्ला पूरी तरह ठीक हैं और अपनी मर्जी से वहां रह रहे हैं. फारूक अब्दुल्ला न तो नजरबंद हैं और न ही उन्हें हिरासत में लिया गया है.