फेसबुक के CEO ने मानी गलती, कहा- ये लोगों के साथ बड़ा विश्वासघात था
फेसबुक विवाद पर पहली बार कंपनी के सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने चुप्पी तोड़ी है. मार्क ने माना कि उनकी कंपनी ने 5 करोड़ यूजर्स के डेटा को ठीक से न संभालने की गलती की. हांलाकि उन्होंने अपने यूजर्स से वादा किया है कि आगे डेटा लीक को रोकने के लिए फेसबुक की तरफ से कड़े क़दम उठाए जाएंगे.
ज़करबर्ग ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, "हमने गलतियां की हैं, भविष्य में इसे रोकने के लिए हम कड़े कदम उठाएंगे.''
हांलाकि ज़करबर्ग ने गलतियों के बारे में विस्तार से कुछ भी नहीं बताया. लेकिन उन्होंने कहा कि वो अपने प्लेटफॉर्म पर ऐप्स की जांच करने की योजना बना रहे हैं, डेवलपर को डेटा तक पहुंच बनाने के लिए नहीं दिया जाएगा. साथ ही यूजर्स को ऐसे टूल्स दिए जाएंगे, जिससे उन्हें अपने फेसबुक डेटा को आसानी से डिसेबल करने में मदद मिलेगी.
फेसबुक पोस्ट के बाद ज़करबर्ग ने बाद में सीएनएन को एक इंटरव्यू भी दिया जहां उन्होंने कहा, "ये लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात था. मुझे सच में खेद है कि ऐसा हुआ. लोगों की जानकारी की रक्षा करने की हमारी मूल जिम्मेदारी है."
विवाद के बाद फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग को अब तक करीब 58,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. वो दुनिया के टॉप-5 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं. दुनियाभर के तमाम सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेसबुक की आलोचना हो रही है.
क्या है विवाद ?
ब्रिटिश डेटा एनालिटिक्स फर्म ‘कैंब्रिज एनालिटिका’ ताजा विवाद की जड़ है. फर्म पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा को चुराने और उसका इस्तेमाल ‘चुनाव प्रचार’ में करने का आरोप है. 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ये कंपनी डोनाल्ड ट्रंप को सर्विस दे चुकी है, ये खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन ऑब्जर्वर की रिपोर्ट में किया गया है.