ऑटो सेक्टर में मंदी का असर! टाटा मोटर्स का घाटा पिछले साल के मुकाबले दोगुना हुआ
देश की प्रमुख ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3,679.66 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दोगुना है. टाटा मोटर्स ने एक बयान में कहा कि घरेलू ऑटो उद्योग में भारी मंदी छाई हुई है.
देश की प्रमुख ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स को चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही में 3,679.66 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दोगुना है. पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 1,902.37 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. टाटा मोटर्स ने एक बयान में कहा कि घरेलू ऑटो उद्योग में भारी मंदी छाई हुई है.
यही नहीं वैश्विक स्तर पर भी ऑटो उद्योग में सुस्ती लग रही है. टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी और ब्रिटेन की सबसे बड़ी ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जगुआर लैंड रोवर ने बताया कि ज्यादातर क्षेत्रों में उद्योग की बिक्री में कमी आई है. जगुआर लैंड रोवर के वैश्विक खुदरा बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 11.6 फीसदी की गिरावट आई है.
टाटा मोटर्स के शेयर का भाव गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर पिछले सत्र के मुकाबले 4.56 फीसदी की गिरावट के साथ 144.35 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ.
टाटा मोटर्स की सभी कामकाज से समेकित आय भी साल-दर-साल 8 फीसदी गिरकर 60,830 करोड़ रुपये रही. टाटा के कॉमर्शियल व्हीकल और पैसेंजर व्हीकल कारोबार का इस गिरावट में बड़ा योगदान है. इन दोनों कारोबार में कंपनी की आय महज 14,309 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 17,290 करोड़ रुपये थी.
इसके मुकाबले अगर जगुआर लैंड रोवर की बात करें तो पहली तिमाही में उसकी आय गिरकर 45,661 करोड़ रुपये पहुंच गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 48,215 करोड़ रुपये था.
हालांकि इस नतीजे से यह भी लगता है कि जगुआर लैंड रोवर अपने घाटे को कम करने में सफल रहा है. कंपनी ने छंटनी, लागत कम करने, पूंजीगत व्यय घटाने जैसे कॉस्ट कटिंग उपायों से यह सफलता हासिल की है. जेएलआर के लिए सबसे बड़ा बाजार चीन है, लेकिन वहां भी मांग में नरमी है जिसकी वजह से कंपनी की वित्त वर्ष 2018-19 की गिरावट में 34 फीसदी की गिरावट आई थी.
जेएलआर ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल 1,28,615 गाड़ियां बेचीं जो कि पिछले साल के मुकाबले 11.6 फीसदी कम है. जून तिमाही में टाटा मोटर्स की कुल यात्री वाहन बिक्री में 15 फीसदी की गिरावट आई है. इसी तरह कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट आई है.
गौरतलब है कि देश के ऑटो सेक्टर में मंदी का आलम है. ऑटो सेक्टर में गिरावट का सिलसिला पिछले कई माह से जारी है. देश की ऑटो इंडस्ट्री इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है. पैसेंजर व्हीकल (PV) और कारों की बिक्री की वजह से इंडस्ट्री को लगातार झटका लग रहा है. हालात यह हैं कि देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी ने अपने प्रोडक्शन में भारी कटौती की है. ऑटो इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि अगर ऐसे ही हालात रहें तो नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं.