MP में 23.81 करोड़ का घोटाला, कर्मचारियों और रिश्तेदारों के खाते में भेजे सरकारी रुपए

भोपाल. मध्य प्रदेश में हद से ज्यादा बारिश, ओलावृष्टि, सूखा या अग्नि हादसे जैसी प्रा कृतिक आपदाओं पर सरकार की तरफ से मिलने वाली राहत राशि में बडा घोटाला हुआ है। 13 जिलों में 23.81 करोड रुपए हितग्राहियों की बजाय कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर किए गए है। यह खुलासा सीएजी यानी नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन योजनाओं में जिन हितग्राहियों के आवेदन मंजूर किए गए है उनकी बजाय अन्य के बैंक खाते में पैसे डाल दिए गए। 31 मार्च 2022 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष की सीएजी की यह रिपोर्ट वित्त मंत्री जगदीश देवडा ने सोमवार को विधानसभा में पेश की। ये रिपोर्ट 2018 से 2022 तक की है। भोपाल. मध्य प्रदेश में हद से ज्यादा बारिश, ओलावृष्टि, सूखा या अग्नि हादसे जैसी प्रा कृतिक आपदाओं पर सरकार की तरफ से मिलने वाली राहत राशि में बडा घोटाला हुआ है। 13 जिलों में 23.81 करोड रुपए हितग्राहियों की बजाय कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर किए गए है। यह खुलासा सीएजी यानी नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन योजनाओं में जिन हितग्राहियों के आवेदन मंजूर किए गए है उनकी बजाय अन्य के बैंक खाते में पैसे डाल दिए गए। 31 मार्च 2022 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष की सीएजी की यह रिपोर्ट वित्त मंत्री जगदीश देवडा ने सोमवार को विधानसभा में पेश की। ये रिपोर्ट 2018 से 2022 तक की है।
केवलारी तहसील की जांच में सामने आया घोटाला
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिवनी जिले में ही साल 2018 से 2022 के बीच वित्तीय सहायता के 59 प्रकरणों में हितग्राही की बजाय अन्य लोगों के खाते में 11 करोड़ 64 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। यह घोटाला केवलारी तहसील की जांच में सामने आया है।
श्योपुर जिले में श्योपुर, कराहल और बड़ौदा तहसील में इस तरह के 804 प्रकरणों में 2 करोड़ 21 लाख रुपए की गड़बड़ी सीएजी ने पकड़ी है। सीहोर जिले में 671 प्रकरणों में 1 करोड़ 17 लाख रुपए का गलत भुगतान किया गया।
शिवपुरी जिले में 1 हजार से ज्यादा प्रकरणों में 2 करोड़ 77 लाख रुपए का घोटाला पकड़ा गया है। देवास, छतरपुर, खंडवा, मंदसौर, रायसेन, दमोह, सतना, आगर मालवा और विदिशा में भी इसी तरह हितग्राहियों की बजाय अन्य के खाते में राहत राशि ट्रांसफर की गई।
एक महिला को 4 साल में 38 बार राहत राशि मिली
विदिशा जिले में 41 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें हितग्राहियों की बजाय अन्य व्यक्ति के खाते में राशि जमा की गई। ऐसा दो साल में 298 बार किया गया। यहां 47 लाख 15 हजार रुपए का घोटाला किया गया है। इतना ही नहीं, 6 केस तो ऐसे हैं, जिसमें एक ही व्यक्ति के खाते में 19 से 10 बार तक राशि ट्रांसफर की गई।
रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। विदिशा में एक महिला को 4 साल में 38 बार में 5 लाख 19 हजार रुपए राहत राशि दे दी गई। विदिशा कलेक्टर ने 2018–19 में सूखा राहत के नाम पर संतोष पत्नी अरविंद के खाते में 18 बार में 2 लाख 55 हजार रुपए ट्रांसफर किए।
जबकि सिरोंज के तहसीलदार ने 2019 से 2021 तक कीट प्रकोप और अत्यधिक वर्षा के लिए 2 लाख 64 हजार रुपए की राहत राशि संतोष को दी। यह राशि उनके खाते में 28 बार में ट्रांसफर की गई।