ग्वालियर स्टेशन में सुरक्षा मानकों की अनदेखी,ट्रेनों को डायवर्ट किए बिना प्लेटफार्म-एक की छत की तुड़ाई
ग्वालियर. रेलवे स्टेशन पुनर्विकास के काम को दिसंबर-2024 को 2 साल पूरे हो जाएंगे, लेकिन यह तय समय पर पूरा नहीं होगा। अब काम को गति देने के चक्कर में रेलवे स्टेशन में हर दिन आने वाले 60 हजार से अधिक यात्रियों की सुरक्षा को नजर अंदाज कर केपीसी कंपनी काम कर रही है। हालांकि केपीसी प्रबंधन रेल अफसरों के सामने यह बात कई बार कह चुकी है कि जब वह ब्लॉक चाहते हैं। उन्हें ब्लॉक नहीं मिलता। अब बिना ब्लॉक व ट्रेनों को डायवर्ट किए बिना ही प्लेटफॉर्म नंबर एक पर बुक स्टॉल पर छंट की कटाई का काम चल रहा है। यह काम उस समय होता है जब ट्रेनों व यात्रियों के आने का पीक आवर्स होता है। जहां पर छत की कटाई होती है, उस थोड़े से एरिया में ही यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर बेरीकेड्स लगा दिए जाते हैं। जानकारों का कहना है कि ट्रेनों के आगमन के दौरान छत कटाई होने से बिल्डिंग में धमक लगती है। इससे हादसे का डर बना हुआ है। रेलवे स्टेशन पर काम के चलते बीते तीन दिन में 3 लोग घायल हो चुके हैं। सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि यदि काम के दौरान यात्री हादसे का शिकार हुए कौन जिम्मेदार होगा। इस पर रेलवे के अफसर चुप हैं।
रेलवे स्टेशन:स्थानीय अफसर दर्ज करा चुके हैं आपत्ति
रेलवे स्टेशन के स्थानीय स्तर के अफसर इस बात को लेकर मौखिक रूप से केपीसी कंपनी के अफसरों से नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं कि ट्रेनों के आवागमन के दौरान छत की कटाई या ऐसे काम प्लेटफार्म पर नहीं किए जाएं जिससे हादसे का डर हो। लेकिन ऐसे अफसरों की केपीसी के जिम्मेदार अफसर एक भी सुनने को तैयार नहीं है। लोकल अफसर केपीसी कंपनी के दबाव में काम कर रहे हैं।
दिन-रात दौड़ती है लोडर गाड़ी, ट्रेन आने के दौरान भी नहीं रोका जाता
निर्माणकार्य में कंपनी ने लोडर गाड़ी भी लगा रखी है। जो कार्य के दौरान प्लेटफार्म पर दिनभर दौड़ती रहती है। रेलवे स्टेशन पर काम के चलते पहले से यह काफी सकरा हो गया। इसके बाद जब प्लेटफार्म पर यात्रियों की भीड़ अधिक होती है और ट्रेन का आगमन होता है। उसी दौरान भी लोडर गाड़ी निकलती रहती है। इससे यात्रियों के चपेट में आने का डर रहता है, क्योंकि यात्री ट्रेन में चढ़ने व उतरने की हड़बड़ी में रहते हैं। लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज कर इस लोडर को नहीं रोका जाता है।
डिप्टी सीई पर मॉनीटरिंग का जिम्मा कंपनी व अफसरों में तालमेल नहीं
रेलवे स्टेशन में पुनर्विकास के काम की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी रेलवे के डिप्टी सीई कंस्ट्रक्शन आकाश यादव की है। लेकिन केपीसी व रेलवे अफसरों में तालमेल नहीं है। इससे न तो काम की स्पीड बढ़ रही न ही यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जा रहा।
डिप्टी सीई पर मॉनीटरिंग का जिम्मा कंपनी व अफसरों में तालमेल नहीं
रेलवे स्टेशन में पुनर्विकास के काम की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी रेलवे के डिप्टी सीई कंस्ट्रक्शन आकाश यादव की है। लेकिन केपीसी व रेलवे अफसरों में तालमेल नहीं है। इससे न तो काम की स्पीड बढ़ रही न ही यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जा रहा।