मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर उद्योग और पर्यटन के बाद खनिज क्षेत्र में हुई कॉन्क्लेव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए की जा रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के साथ पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने आईएटीओ का अधिवेशन हुआ। इसी क्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर भोपाल में दो दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव में प्रदेश की खनिज संपदा की विस्तार से जानकारी दी जाकर उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि प्रदेश में खनिज की प्रचुर मात्रा होने और राज्य सरकार की उद्योग नीति, निवेशकों को आकर्षित कर रही है।

भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में गुरूवार को 2 दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव का शुभारंभ मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने किया। मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा है कि मध्यप्रदेश देश का तेजी से विकसित होता राज्य है। प्रदेश मिनरल रिसोर्सेस में तो नम्बर वन है ही, यहां पानी, कोयला एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों की भी प्रचुरता है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में हमारी सरकार निवेशक को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराती है। एक फार्म में जानकारी भरने पर वह सभी संबंधित विभागों तक को चली जाती है और आसानी से उद्योग की अनुमति प्राप्त हो जाती है। मध्यप्रदेश में निवेश करें और प्रदेश एवं देश की विकास यात्रा में सहभागी बनें। कन्वेंशन परिसर में प्रदेश की खनिज सम्पदा पर केन्द्रित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी मुख्य सचिव ने किया। इस अवसर पर माईनिंग कार्पोरेशन के एमडी श्री अनुराग चौधरी, विभिन्न हितधारकों, उद्योग के नेताओं, शिक्षाविदों एवं प्रमुख खनिज कम्पनियों के प्रतिनिधि और खनिज विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश विकास के क्षेत्र में देश में अग्रणी है। प्रदेश माईनिंग के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में बिजली उपलब्धता के क्षेत्र में गुजरात के बाद मध्यप्रदेश नम्बर दो पर है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2007 से निरंतर इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है परंतु इस बार मध्यप्रदेश में पहली बार पृथक से माईनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन हो रहा है। यह कॉन्क्लेव निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगी।

मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश एक समावेशी राज्य है। यहां के लोग बहुत सरल और सहज है। मध्यप्रदेश में जो भी आकर बसता है, वह मध्यप्रदेश का हो जाता है। मध्यप्रदेश वह राज्य है जहां उद्योगों में "नो मेन डे लॉस" है। यहां के श्रम कानून इंडस्ट्रीज फ्रेंडली हैं। मध्यप्रदेश के सहज प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं की सोच सकरात्मक एवं सहयोगी है। यहां पर देश में सबसे पहले लोकसेवाओं के प्रदाय की गारंटी के लिए अधिनियम लागू किया गया, जिसे बाद में अन्य राज्यों ने भी अपनाया।

मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश में खनिज की अपार संपदा है। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां हीरे का उत्पादन होता है। मध्यप्रदेश मैंगनीज और कॉपर अयस्क उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर, रॉक फॉस्फेट में दूसरे, चूना पत्थर में तीसरे और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है। मध्यप्रदेश में आगामी 200 वर्ष के लिये कोयले का रिजर्व भण्डार है। मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि इस बार देश में सर्वाधिक कोल-ब्लॉक्स मध्यप्रदेश में नीलाम हुए। मध्यप्रदेश में ट्रांसपेरेंट ऑक्शन रिजीम है। अगले कुछ वर्षों में कोयला उत्पादन में मध्यप्रदेश काफी आगे होगा।