विक्रमपुर को नये औद्योगिक क्षेत्र के रूप में किया जायेगा विकसित: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि डिंडौरी के विकास में कोई कोर-कसर नहीं रहने दी जाएगी। जिले में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराये कराये जायेंगे। क्षेत्र में औद्योगिक विकास, रोजगार और व्यापार को बढावा देने के लिए विक्रमपुर को नये औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। डिंडौरी में बिजली की समस्या दूर करने के लिए शहपुरा में 132 केवी का सब स्टेशन बनाया जाएगा। मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए बीएसएनएल के 75 टावर लगाए जाएंगे। डिंडौरी की औषधिय संपदाओं को दृष्टिगत रखते हुए डिंडौरी में आयुर्वेदिक कॉलेज खोला जाएगा। राजस्व संबंधी सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायत गाड़ासरई को उप तहसील बनाया जाएगा। क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए डिंडौरी की नहरों को पक्का कराया जाएगा। साथ ही नर्मदा नदी में अपर नर्मदा, बसुनिया और राघवपुर के बांधो से प्रभावित गांवों के लोगों को मिलने वाली मुआवजा राशि बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आवागमन सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए डिंडौरी से मुड़की तक टू लेन सड़क और बछरगांव के पास चकरार नदी में पुल बनाया जाएगा। नर्मदा नदी के घाटों का अधोसंरचनात्मक विकास करेंगे, जिससे श्रृद्धालुओं को स्नान करने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। साथ ही इन घाटों का सौन्दर्यीकरण भी किया जाएगा। नगर परिषद डिंडौरी के लिए नया भवन बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगली बार समनापुर आने पर समनापुर को भी तहसील बनाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रक्षाबंधन एवं श्रावण उत्सव में डिंडौरी के कॉलेज ग्राउंड में आयोजित लाड़ली बहनों के आभार सह उपहार कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बहनों के सशक्तिकरण के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। बहनों के सम्मान, उनके सुरक्षा और खुशहाली के लिए ही लाड़ली बहना की राशि 1250 रूपए पिछले दिनों उनके खाते में अंतरित की गई। साथ ही 250 रूपए की रक्षाबंधन उपहार भी दिए गए। बहनों की खुशियों को दोगुना करने का प्रयास जारी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि डिंडौरी में महिलाओं को मिले सामाजिक सम्मान से ही प्रदेश में लिंगानुपात बढ़ा है। यहां 1 हजार पुरूषों पर 1002 महिलाएं हैं। जनजाति समाज के सशक्तिकरण के लिए तेंदुपत्ता संग्राहकों की राशि 3 हजार रूपए प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रूपए किया गया है। पीएम जनमन योजना में जनजाति क्षेत्रों में 7300 करोड़ रूपए के निर्माण हुए हैं। बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की महिलाओं को आहार अनुदान कें अंतर्गत 148 करोड़ की राशि अंतरित की गई है। महिलाओं को 1500 रूपए प्रति माह दी जा रही है। प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक की छात्रवृति अंतर्गत 505 करोड़ रूपये की राशि वितरित की गई है।