अखिलेश यादव यूपी में लेकर आए मॉनसून ऑफर
लखनऊ : यूपी में सरकार और संगठन के बीच जारी सियासी लड़ाई का अब विपक्ष फायदा उठाने की पूरी कोशिश कर रहा है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव राज्य में मॉनसून ऑफर लेकर आए हैं. उन्होंने ऑफर निकाला है कि सौ लाओ, सरकार बनाओ. यानि सौ विधायक लेकर आइये और सपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाइये. अखिलेश का यह ऑफर एक तरह से केशव प्रसाद मौर्या के लिए है.. यानि उन्होंने मौर्या का नाम लेकर उन पर निशाना साधा है..
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या के बीच कथित अदावत की रिपोर्ट के बीच अखिलेश यादव का ये बयान एक चुटकी के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x पर यह पोस्ट की.
इससे पहले भी कल अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट में लिखा था कि ”भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है. तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है. जनता के बारे में सोचने वाला भाजपा में कोई नहीं है.”
बीते दिनों लखनऊ में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान से यूपी की सियासत में उथल-पुथल मच गई. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि ”संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है. हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है.” उनके इस बयान के बाद मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सरकार और संगठन दोनों के प्रतिनिधियों को बुलाया.
जेपी नड्डा ने केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से अलग-अलग मुलाकात की. बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा ने इस बैठक में आगामी उपचुनाव को लेकर मंथन किया है. साथ ही संगठन को मजबूत करने के अलावा कार्यकर्ताओं की समस्या और जातियों में बंटे वोटरों को एकजुट करने की भी योजना पर भी चर्चा की है.
यूपी बीजेपी के दो बड़े नेता केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी को अचानक दिल्ली बुलाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया. लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव भाजपा के लिए काफी अहम हैं. पार्टी के अंदर ऐसी बयानबाजी के चलते भाजपा अपने विपक्ष को कोई भी मौका नहीं देना चाहती है.