ICC के खिलाफ खोला मोर्चा, पंगा लेने के लिए तैयार ऑस्ट्रेलियाई बैटर, क्या है पूरा मामला
मेलबर्न. ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाड़ी मैदान पर किए गए अपने बर्ताव के लिए अक्सर ही विवादों में घिरते रहते हैं. इस बार टीम के बैटर उस्मान ख्वाजा चर्चा में हैं. पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में बांह पर काली पट्टी बांधने के कारण आईसीसी से फटकार झेलने वाले ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने शुक्रवार को इस मामले में बड़ा कदम उठाया. उन्होंने कहा कि वह इसे चुनौती देंगे क्योंकि उन्होंने आईसीसी को बताया था कि ऐसा उन्होंने निजी शोक के कारण किया है.
ख्वाजा ने पर्थ में पिछले सप्ताह पाकिस्तान पर 360 रन से मिली जीत के दौरान बांह पर काली पट्टी बांधी थी. वह 13 दिसंबर को अभ्यास सत्र के लिए उतरे तो उनके बल्लेबाजी के जूतों पर ‘ आल लाइव्स आर इकवल’ और ‘ फ्रीडम इज ह्यूमन राइट’ लिखा हुआ था. आईसीसी ने पर्थ टेस्ट के दूसरे दिन मुझसे पूछा था कि काली पट्टी क्यो बांधी है और मैंने कहा था कि यह निजी शोक के कारण है. मैंने इसके अलावा कुछ नहीं कहा था.’’
उन्होंने कहा ,‘‘मैं आईसीसी और उसके नियमों का सम्मान करता हूं. मैं इस फैसले को चुनौती दूंगा. जूतों का मसला अलग था. मुझे वह कहकर अच्छा लगा लेकिन आर्मबैंड को लेकर फटकार का कोई मतलब नहीं है. मैने अतीत में भी सारे नियमों का पालन किया है. खिलाड़ी अपने बल्लों पर स्टिकर लगाते हैं, जूतों पर नाम लिखते हैं और आईसीसी की अनुमति के बिना बहुत कुछ होता है लेकिन फटकार नहीं लगाई जाती.’’
आईसीसी के नियमों के तहत क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान किसी तरह के राजनीतिक, धार्मिक या नस्लवादी संदेश की नुमाइश नहीं कर सकते. लेकिन पूर्व खिलाड़ियों, परिजनों या किसी अहम व्यक्ति के निधन पर पहले से अनुमति लेकर काली पट्टी बांध सकते हैं. पाकिस्तान में जन्में ख्वाजा ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट खेलने वाले पहले मुस्लिम क्रिकेटर हैं.