केरल: डॉक्टरों पर हमले की घटनाओं पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- एक घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करे पुलिस

कोच्चि. प्रदेश में डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर केरल हाईकोर्ट ने गहरी चिंता जाहिर की है. कोर्ट ने कहा है कि इस वर्ष डॉक्टरों पर हमले के 138 मामले सामने आ चुके हैं. हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को आदेश दिया कि स्वास्थ्य पेशेवर या अस्पताल पर हमले की शिकायत या सूचना मिलने के एक घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज की जाए. इसके साथ अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.

दरअसल, केरल हाईकोर्ट डॉक्टर पर हुए हमले के एक मामले पर सुनवाई कर रही थी. सुनवाई न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ कर रही थी. इस दौरान खंडपीठ ने मामले में राज्य के पुलिस प्रमुख को पक्षकार बनाते हुए स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. साथ ही पीठ ने कहा कि पहले कदम के रूप में हमारा मत है कि अस्पताल के किसी भी अन्य कर्मचारी, डॉक्टर या हेल्थकेयर पेशेवर पर हमले की हर घटना, चाहे वह सुरक्षा हो या अन्य हो – संबंधित पुलिस स्टेशन द्वारा 1 घंटे के अंदर संज्ञान लेकर प्रथम सूचना दर्ज की जानी चाहिए.
स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमले पर तेज हो कार्रवाई
अदालत ने आदेश दिया, ‘कहने की जरूरत नहीं है, इसके बाद त्वरित कार्रवाई शुरू की जाएगी, जिसमें अपराधियों को गिरफ्तार करना शामिल है.’ आदेश के माध्यम से, अदालत ने कहा कि वह इस तरह का आदेश जारी कर रही है, क्योंकि पुलिस द्वारा केवल इस तरह की कार्रवाई से यह सुनिश्चित होगा कि अपराधियों को समझ में आ जाएगा कि कार्रवाई तेज और त्वरित है. अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों पर बार-बार हमले हो रहे हैं, क्योंकि प्रथम दृष्टया नागरिकों को लगता है कि कानून की प्रक्रिया धीमी है और उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी.

डॉक्टरों पर हर महीने एक दर्जन हमले
इस दौरान आंकड़ों को पेश करते हुए वकीलों ने कहा कि डॉक्टरों पर जून 2021 से दर्ज किए गए हमलों की संख्या 138 या उससे अधिक है. वकीलों ने कहा कि ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं. क्योंकि डॉक्टरों पर हर महीने कम से कम 10 या 12 हमले हो रहे हैं. वहीं, इस मामले में चिंता व्यक्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि पूर्व में जारी आदेश के बावजूद डॉक्टरों पर हो रहे हमलों की संख्या में कमी नहीं आई है.