वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन शहरवासियों और विद्यार्थियों को भी कराएँ – श्री सिंधिया
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को ग्वालियर में 296.52 करोड़ रूपए की लागत से अमृत परियोजना के तहत निर्मित किए गए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन किया। इस प्लांट के माध्यम से ग्वालियर में एक अप्रैल से प्रतिदिन जल प्रदाय किया जायेगा।
केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भ्रमण के समय उनके साथ पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री श्रीमती माया सिंह, मध्यप्रदेश बीज विकास निगम के अध्यक्ष श्री मुन्नालाल गोयल, पूर्व विधायक श्री रमेश अग्रवाल, श्री मदन कुशवाह, श्री रामबरन सिंह गुर्जर, श्री अशोक शर्मा सहित जनप्रतिनिधि और संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त श्री किशोर कन्याल सहित नगर निगम के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि 160 एमएलडी के इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का अवलोकन शहर के जनप्रतिनिधियों, नागरिकों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी अवश्य कराया जाए, ताकि लोगों को मालूम पड़ सके कि उनके घर तक पहुँचने वाला पेयजल, कितनी प्रक्रिया के बाद उनके पास पहुँचता है। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने यह भी कहा कि अमृत परियोजना के तहत सभी डीएमए का काम पूर्ण होने के बाद ग्वालियरवासियों को 24x7 पानी उपलब्ध होने लगेगा।
केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह भी कहा कि भारत सरकार एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्वालियर में अमृत परियोजना के माध्यम से सीवर एवं पानी के काम पूर्ण हुए हैं, इसका लाभ शहरवासियों को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ग्वालियर में बहुत पहले ही सीवर और पानी की व्यवस्था के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग कर व्यवस्थायें की गई थीं। बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों की संख्या बढ़ाई गई, जिससे लोगों को पेयजल उपलब्ध हो सके।
केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने प्लांट का अवलोकन किया और प्लांट की गतिविधियों के संबंध में अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की।
निरीक्षण के दौरान संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना एवं नगर निगम आयुक्त श्री किशोर कन्याल ने केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया को अमृत परियोजना के तहत किए गए कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। अधीक्षण यंत्री जल प्रदाय श्री आर एल एस मौर्य ने जानकारी दी कि अमृत परियोजना के तहत कुल 296.52 करोड़ रूपए की लागत से 836 किलोमीटर लाईन बिछाई गई है। 160 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण आर्ट ऑफ स्टेट पर आधारित तकनीक से किया गया है। इस प्लांट का मैन्युअल एवं ऑटो दोनों मोड पर संचालन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जलालपुर प्लांट से कुल 57 टंकियाँ भरी जा सकती हैं, जिसमें से 34 टंकियां मुरार क्षेत्र एवं 23 टंकियां लश्कर क्षेत्र की शामिल हैं। इस प्लांट का निर्माण वर्ष 2050 की जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए किया गया है। प्लांट को पीएलसी स्काडा से जोड़ा गया है। इसके साथ ही पूर्व में स्थित तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 68 एमएलडी ओल्ड एवं 68 एमएलडी न्यू मोतीझील प्लांट, 45 एमएलडी तिघरा तथा शहर की 96 टंकियों को स्काडा से जोड़ा गया है। परियोजना के तहत अब तक 75 हजार हाउस सर्विस कनेक्शन दिए गए हैं। इस योजना से शहर की लगभग 4.5 लाख जनसंख्या लाभान्वित होगी।
अमृत परियोजना की प्रदर्शनी का किया अवलोकन
जलालपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर नगर निगम के जनसंपर्क विभाग द्वारा अमृत परियोजना पर केन्द्रित फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से अमृत परियोजना में अब तक किए गए कार्यों को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और छायाचित्रों के माध्यम से भी परियोजना के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
अमृत परियोजना की पुस्तिका का किया विमोचन
अमृत परियोजना के तहत पेयजल के क्षेत्र में किए गए निर्माण कार्यों के साथ ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और पाइप लाईन बिछाने के कार्य पर केन्द्रित एक पुस्तिका भी तैयार की गई है। इस पुस्तिका का विमोचन भी केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया एवं अतिथियों ने किया। इस पुस्तिका में अमृत परियोजना के संबंध में छायाचित्रों और आंकडों के माध्यम से जानकारी प्रदर्शित की गई है।
ट्रीटमेंट प्लांट पर किया पौध रोपण
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अवलोकन के साथ ही ट्रीटमेंट प्लांट पर पौध रोपण भी किया। उन्होंने प्लांट के आस-पास अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर इसे हरा-भरा बनाने के दिशा-निर्देश भी दिए।