चुनाव परिणाम के दौरान जेल में होंगे SAD उम्मीदवार बिक्रम सिंह मजीठिया, कोर्ट ने 22 मार्च तक बढ़ाई हिरासत
ड्रग केस में फंसे शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) को 22 मार्च तक जेल में रहना होगा. मोहाली की अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए उन्होंने खुद को मोहाली की अदालत में 24 फरवरी को सरेंडर कर दिया. मजीठिया पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर (Harsimrat Kaur) के भाई हैं.
उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के खिलाफ अमृतसर से चुनाव लड़ा है, जिसके परिणाम 10 मार्च को आएंगे. संभवत चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद जब वह जमानत पर रिहा भी होंगे तो पंजाब में नई सरकार बन चुकी होगी. उनकी पत्नी गनीव कौर ने नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ा है और शिरोमणि अकाली दल का दावा है कि सिद्धू यह चुनाव हार रहे हैं.
मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में 20 फरवरी हुए विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत एक आपराधिक मामले में 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी. जिसके बाद 24 फरवरी को उन्होंने सरेंडर किया था.
पंजाब की प्रमुख विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई मजीठिया पर पंजाब में वर्ष 2018 में मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप से संबंधित छानबीन की एक रिपोर्ट के आधार पर 20 दिसंबर को पंजाब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. जिसे चुनाव प्रचार के दौरान शिअद ने राजनीति से प्रेरित बताया था.
सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाने से पहले आरोपी मजीठिया ने इस मामले में अंतरिम जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. मजीठिया का आरोप है कि उन्हें ड्रग केस में फंसाने के लिए ही चन्नी सरकार ने सूबे के तीन डीजीपी बदले.