Bhopal-itarsi रूट पर बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड, 94 किमी के रूट पर 67 पुलों निर्माण कार्य जारी, 2 टनल पूर्ण
भोपाल. 94 किलोमीटर के Bhopal-itarsi सेक्शन में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिये साथ-साथ मालगाडि़यों से समय पर सामान पहुंचाने और औद्योगिक विकास के लिये छोटे-बड़े 67 ब्रिजों का निर्माण कार्य चल रहा है। वहीं, इसी रूट पर 26.5 किमी में 5 रेल टनल भी तैयार की जा रही है। इनमें से 2 सबसे बड़ी टनल का काम पूरा हो गया है।
प्रतिदिन 80 मेल एक्सप्रेस 34 मालगाड़ी दौड़ेगी
इस सेक्शन से प्रतिदिन 80 से अधिक मेल एक्सप्रेस और 34 जोड़ी मालगाडि़यो का संचालन किया जायेगा है। इसी को देखते हुए तीसरी रेल लाईन के तहत बरखेड़ा-बुदनी सेक्शन में 67 ब्रिजों का निर्माण कार्य चल रहा है। इनमें 13 बड़े और 54 छोटे ब्रिज शामिल है। पश्चिम -मध्यरेल जोन के प्रवक्ता राहुल जयपुरियार ने बताया है िकइस रेलवे सेक्शन की उपयोगिता 117 प्रतिशत है। इसी आंकड़े से अंदाज लगाया जा सकता है कि तीसरी रेल लाइन की यहां पर कितनी आवश्यकता है।
बरखेड़ा और बुदनी सेक्शन के 67 का निर्माण कार्य जारी
Bhopal-itarsi तीसरी लाइन परियोजना के अंतर्गत बरखेड़ा-बुदनी घाट रेलखण्ड के बीच 67 पुलों का निर्माण कार्य हो रहा है। पमरे के इस घाट सेक्शन में पुलों का निर्माण कार्य रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) कर रहा है। बरखेड़ा से बुदनी के बीच कुल 26.6 किमी के रेल सेक्शन पर तीसरी लाइन का निर्माण किया है।
तीसरी रेल लाइन ट्रेक के पूरा होते ही यह लाभ
तीसरी रेल लाइन का काम पूरा होते ही सबसे अधिक मांग वाले क्षेत्रों पूणे, बेंगलूरू, मुंबई और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों के लिये ट्रेनों की संख्या बढ़ जायेगी। रेलवे अभी उन क्षेत्रों के लिये तीसरी रेल लाइन उपलब्ध नहीं होने और पहले वाली पर भारी लोड़ होने की वजह से ट्रेनों की घोषणा नहीं कर रहा है।
13 बड़े ब्रिज
10 ब्रिज 1 स्पान के (18.3 मीटर, 12.2 मीटर, 30.5 मीटर)
1 ब्रिज 2 स्पान का (18.3 मीटर×2)
1 ब्रिज 3 स्पान का (18.3 मीटर×3)
1 ब्रिज 4 स्पान का ( 1×18.3 मीटर + 30.5 मीटर ×3)
यह भी फायदा
ट्रेनों का संचालन स्पीड के साथ हो सकेगा।
नई ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
रेल सेक्शन की क्षमता बढ़ जाएगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर में इजाफा हो जाएगा।
प्राइवेट रूट भी शुरू होंगे
इसके अलावा रेलवे द्वारा इन्हीं क्षेत्रों के लिए घोषित प्राइवेट ट्रेनों को शुरू करने की तैयारी भी पूरी हो जाएगी। खासतौर पर भोपाल से पुणे, भोपाल से बेंगलुरू, भोपाल से मुंबई और भोपाल से चेन्नई जैसे महत्वपूर्ण रूटों पर नई प्राइवेट ट्रेनों का संचालन आसानी से होने लगेगा।
जुलाई-2022 काम पूरा करने का टारगेट
प्रोजेक्ट में बड़े ब्रिजों एवं उसके फॉर्मेशन के निर्माण पर 720 करोड़ खर्च हो रहे हैं। आरवीएनएल द्वारा इस काम को भी स्पीड के साथ पूरा करते हुए जुलाई 2022 तक काम पूरा होने का लक्ष्य रखा है। आरवीएनएल के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अतुल निगम का दावा है कि कोविड की चुनौतियों के बावजूद कार्य को अच्छी स्पीड से पूरा किया जा रहा है। ब्रिजों की मदद से पूरे घाट सेक्शन में तीसरी लाइन का निर्माण कर रहे हैं।