मेरठ: बे-मौसम बारिश ने तोड़ा 28 साल का रिकॉर्ड; धान और सरसों को भारी नुकसान, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
मेरठ. मेरठ (Meerut) में अक्टूबर के महीने में 28 साल बाद रिकॉर्ड बारिश (record rain) हुई. यहां अब तक 126 मिमी बारिश हुई है. जो 1993 के बाद अब तक का रिकॉर्ड है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि क्लाइमेट रीस्टोर होने की वजह से ये बदलाव हुआ है, लेकिन इस पर और रिसर्च की आवश्यकता है.
मेरठ में अक्टूबर के महीने में इस बार रिकॉर्ड बेमौसम बारिश हुई. ऐसी रिकॉर्ड बारिश जिसने अट्टाईस साल पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1993 में अब तक अक्टूबर के महीने में बेमौसम बारिश के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो बीते 28 साल में कभी भी इतनी बारिश नहीं हई. अट्ठाईस वर्षों से सबसे ज्यादा बारिश इस वर्ष 2021 में 126 मिमी हुई है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके पीछे क्लाइमेट रीस्टोर भी कारण हो सकता है. आईआईएफएसआर के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर शमीम का कहना है फिलहाल पंद्रह नवंबर तक बारिश के आसार नहीं हैं. वहीं इस बेमौसम बारिश की वजह से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे हैं.
बासमती धान और सरसों की फसल को भारी नुकसान
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर शमीम का कहना है कि इस बेमौसम बारिश की वजह से धान बासमती धान और सरसों की फसल को खासा नुकसान हुआ है. डॉक्टर शमीम का कहना है कि एप्लीकेशन के ज़रिए किसान भाई मौसम के पूर्वानुमान के बारे में जानकारी ले सकते हैं. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वो मेघदूत एप्लीकेशन का इस्तेमाल करें.
मेरठ गंगा में उफान
वहीं मेरठ के चालीस किलोमटीर दूर हस्तिनापुर में गंगा नदी बीते दिनों उफान पर रही. जल शक्ति और बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री व हस्तिनापुर के क्षेत्रीय विधायक दिनेश खटीक ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने ग्रामीणों को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया.
मंत्री ने किया प्रभावित क्षेत्र का दौरा
पिछले कई दिनों से खादर क्षेत्र में हजारों लोग बाढ़ जैसे हालातों से जूझ रहे हैं, जिनका हाल जानने के लिए मंत्री दिनेश खटीक ने क्षेत्र के भीमकुंड, लतीफपुर सहित क्षेत्र के दर्जनों गांव का दौरा किया. उन्होंने कहा कि आज तक हस्तिनापुर क्षेत्र को किसी भी सरकार ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं किया, लेकिन अब प्रदेश की भाजपा सरकार ने हस्तिनापुर क्षेत्र को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया. क्षेत्र में करोड़ों रुपये की परियोजनाओं से लाभ दिया.