आर्यन खान से मिल कर मुंबई के आर्थर रोड जेल से लौटे अभिनेता शाहरुख खान
नई दिल्ली. कश्मीर घाटी में दिनों दिन हालात खराब होते जा रहे हैं। सेना के भारी पड़ने पर अब आतंकियों नेऐसे लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है जो सॉफ्ट टारगेट हैं। इन्हें पुलिस या सेना सुरक्षा नहीं दे सकती है। ऐसे लोगों में घाटी में रह रहे हिन्दू, कश्मीरी पंडित और बाहर से आये लोग शामिल हैं। इस माह आतंकियों ने 11 आम नागरिकों की हत्या कर चुके हैं। जिनमें से 7 गैर मुस्लिम हैं। इसके बाद घाटी के लोगों में डर बैठ गया है और पलायन के लिये मजबूर हो रहे हैं। इन हालातों में घाटी में एक बार फिर 90 के दशक की याद ताजा कर दी है। तब गैर मुस्लिमों खासकर कश्मीरी पंडितों को रातों -रात घाटी से निकलना पड़ गया था।
घाटी में डर से शुरू हुआ पलायन
घाटी में एक बार फिर से वही पलायन का दौर भी शुरू हो गया हैं। इन सबने 1990 के हालात ताजा कर दिएहैं। एक कश्मीरी पंडित ने न्यूज एजेंसी को बताया, ‘मैं पिछले 20 साल से टीचर के तौर पर काम कर रहा हूं और कुछ साल पहले ही प्रमोशन के बाद घाटी लौटा. लेकिन अब हालात खराब हो रहे हैं, इसलिए हम जम्मू वापस आ गए हैं। उन्होंने दावा किया कि कई कश्मीरी पंडित जिन्हें प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी दी गई थी, वो जम्मू लौट रहे हैं. एक और कश्मीरी पंडित ने कहा, ‘कश्मीर में आज भी वही स्थिति है जो हमने 1990 में देखी थी.’ उनके दोनों बेटे कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में काम करते हैं और घाटी में हालात बिगड़ने के बाद वापस लौट आए हैं।